भारतीय कानून में तलाक का महत्व (importance of divorce in Indian law)
भारत एक ऐसा देश है जहां शादी के लिए लड़का, लड़की, परिवार, समाज पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि शादी सफलतापूर्वक पूरी जिंदगी चलती रहे। यही करण है की भारत में शादी जैसे बंधन की सफलता दर पूरे विश्व में सबसे अधिक है, लेकिन कभी कभी कुछ कारणों की वजह से लोग अपने पार्टनर से अलग हो जाते है। जिसकी इजाज़त भारतीय कानून में है।
भारतीय संसद ने 1950 में हिंदू कोड बिल पास किया है जिससे कोई भी महिला अपने पार्टनर से अलग होने के लिए तलाक फाइल दर्ज कर सकती है। इसमें भारतीय कानून पूरी सहायता करता है उसके बात इस नियम में कुछ संशोधन करते हुए 1976 में दोनों पार्टनर आपस में एक दूसरे की सहमति से तलाक लेने का कानून भी पास हो गया है।
तलाक होने के कुछ कारण (Some reasons for divorce):-
- पति पत्नी की सोच आपस में ना मिलना
- एक दूसरे के विपरीत सोच रखना
- आपस में एक दूसरे के कार्य में विरोध करना
- एक दूसरे में विश्वास की कमी
- दोनों में से किसी एक का बाहरी सम्बन्ध
- परिवार के साथ अनमन
आज कल पति पत्नी के बीच में तलाक की समस्या बहुत बढ़ गयी है यदि आप अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं है, रोज़-रोज़ की नोक झोक से परेशान हो तो आप किसी अच्छे वकील (Top Divorce Lawyer In Delhi) से सहायता ले सकते है। वकील आपको पूरी जानकारी प्रदान करेंगे कि आप कैसे तलाक फाइल का आवेदन कर सकते है।
दिल्ली हाई कोर्ट में कई वकील (Divorce Specialist Lawyer In Delhi) है। जो आपकी पूरी सहायता करेंगे क्योंकि इस तरह के मामले में वकील का होना बहुत ज़रुरी है वे आपको अच्छी सलाह देंगे जिससे आप इस तरह के मामले से जल्द ही बहार निकल जाये।
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